रियाजुल हक जौनपुर
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के परिणाम तैयार होने की प्रक्रिया पुर्ण हो चुकी है ।55 लाख से अधिक छात्र-छात्रओं का रिजल्ट नो जून को घोषित होगा। जिसे लेकर परीक्षार्थियों में उत्सुकता बढ़ गई है। यूपी बोर्ड के सूत्रों और मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों से जो संकेत मिल रहे हैं उससे एक बात लगभग तय है कि अबकी बार का परिणाम पिछले सालों की तरह फील गुड देने वाला नहीं रहेगा।
बोर्ड ने इस बार 90 प्रतिशत से अधिक अंक पाने वाले छात्र-छात्रओं की कॉपियां दोबारा जांचने के आदेश दिए थे। इसका सीधा असर मूल्यांकन पर पड़ा और जो शिक्षक पूर्व के वर्षों में आंख मूंदकर नंबर बांटा करते थे उन्होंने इस बार नंबर देने में कंजूसी दिखाई है। विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद परीक्षा के दौरान जिलों में अफसरों ने नकल पर खासी सख्ती दिखाई थी। इसके चलते जिलों में अंधाधुंध नकल नहीं हो सकी।सख्ती का ही असर रहा कि 2017 की परीक्षा में यूपी बोर्ड ने सामूहिक नकल की शिकायत पर 72 केन्द्रों की एक-एक पाली की परीक्षा निरस्त की जबकि 91 स्कूलों को डिबार कर दिया।
61 स्कूलों की कॉपियों की स्क्रीनिंग कराने के आदेश दिए। वहीं दूसरी ओर बोर्ड ने पहली बार पूरे प्रदेश से दागी जिलों की कॉपियां अलग से इलाहाबाद मंगवाकर जंचवाई है। फिलहाल जो हालात हैं उसमें बम्पर रिजल्ट रहने के आसार नहीं है।
यह है यूपी बोर्ड के छात्र छात्राओं की संख्या
यह जानकारी माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव ने दी है की यूपी बोर्ड परीक्षा 2017 की 10 वीं और 12वीं में 3404715 व 2656319 छात्र-छात्राएं पंजीकृत थे। इनमें से 10वीं के 389658 और 12वीं के 204845 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा बीच में ही छोड़ दी थी। अब 54 लाख 66 हजार 531 परीक्षार्थियों को परिणाम का इंतजार है।