रक्तदान कर "अमर शहीद खुदीराम बोस" को श्रद्धांजलि अर्पित की गई



सुल्तानपुर
जिंदगी जिन्दादिली को जाने रोशन वरना कितने मरे और पैदा होते जाते हैं "की पंक्तियों को चरितार्थ करते हुए अमर शहीद खुदीराम बोस ने आज ही के दिन 1908 में 17 वर्ष की आयु में फाँसीके फन्दे को चूमा और शहीद हो गए ऐसे ही शहीदों और देशभक्तों की बदौलत ही हम आज आज़ादी की जिंदगी जी रहे हैं उक्त बातें आज़ाद समाज सेवा समिति के अध्यक्ष अशोक सिंह ने संस्था द्वारा जिला अस्पताल ब्लड बैंक में आयोजित रक्तदान शिविर में कही,।संस्था प्रवक्ता निज़ाम खान ने कहा कि रक्तदान महादान होता है हम अपना रक्तदान कर चार जिंदगियों को रक्त केआभाव जिंदगी और मौत से संघर्ष करने वाले व्यक्ति की जिंदगी बचाने का प्रयास कर सकते हैं लोगों को ऐसे कार्यो में बढ़ चढ़कर सहयोग करना चाहिए ।



आज संस्था सचिव वैभव मिश्र,संस्था सचिव इमरान खान,सचिव मक़सूद अंसारी ,अरविंद यादव,सुमित यादव,शैलेश कुमार ,राम जियावन सोनबरसा ,शिक्षक संदीप शर्मा आदि ने "रक्तदान महादान" कार्यक्रम में  रक्तदान करके देश पर अपनी जान कुर्बान करने वाले शहीदो को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की।इसके पूर्व प्रातः संस्था पदाधिकारियों ने प्रभातफेरी निकाल कर नगर में स्थित समस्त शहीदों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण भी किया गया।


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