EC on Duplication in EPIC Numbers: EPIC नंबर डुप्लीकेशन पर चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण, जल्द होगी नई व्यवस्था

EC on Duplication in EPIC Numbers


 EC on Duplication in EPIC Numbers: चुनाव आयोग ने हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आए उन दावों पर सफाई दी है, जिनमें कहा गया था कि अलग-अलग राज्यों के कुछ मतदाताओं के वोटर आईडी (EPIC) नंबर एक जैसे हैं। आयोग ने स्पष्ट किया कि यह संभव तो है, लेकिन इससे मतदान प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ता क्योंकि हर मतदाता की अन्य जानकारियां जैसे नाम, पता, विधानसभा क्षेत्र और पोलिंग बूथ अलग-अलग होते हैं।

कैसे हुई यह गलती?

दरअसल, पहले जब वोटर आईडी कार्ड जारी करने की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल नहीं थी, तब अलग-अलग राज्यों में एक जैसी अल्फान्यूमेरिक सीरीज का इस्तेमाल किया जाता था। इस वजह से कुछ राज्यों में एक जैसे EPIC नंबर जारी हो गए। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि एक ही व्यक्ति दो जगह वोट डाल सकता है, क्योंकि हर मतदाता केवल उसी पोलिंग बूथ पर मतदान कर सकता है, जहां उसका नाम मतदाता सूची में पंजीकृत है।

अब क्या करेगा चुनाव आयोग?

चुनाव आयोग ने यह भी कहा है कि अब इस समस्या को पूरी तरह से दूर करने के लिए सभी मतदाताओं को एक अद्वितीय (यूनिक) EPIC नंबर दिया जाएगा। इसके लिए ERONET 2.0 प्लेटफॉर्म को अपग्रेड किया जाएगा, जिससे किसी भी डुप्लिकेट EPIC नंबर को बदला जा सकेगा।

नए सिस्टम से क्या होगा फायदा?

इस फैसले के बाद देशभर के सभी मतदाताओं को एक अलग और यूनिक EPIC नंबर मिलेगा। इससे न केवल मतदाता सूची अधिक सटीक होगी, बल्कि चुनावी प्रक्रिया को और पारदर्शी और विश्वसनीय बनाया जा सकेगा।

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