एशियन गेम्स के बाद भी क्रिकेट विश्व कप का उत्साह जारी है
क्रिकेट विश्व कप का भारत में उत्साह और रिकॉर्ड संख्या में पदक जीतने के बाद एशियन गेम्स का जोश अभी थमा नहीं होगा। इसे एक ऐसा आयोजन माना जा सकता है जो सामान्य परिस्थितियों में होता है, लेकिन यह इसका महत्व कम नहीं करता है। भारत में क्रिकेट अब सिर्फ एक खेल नहीं रह गया है। इसका क्रेज बाकी सब पर हावी है।
इस बात को ध्यान में रखें कि एशियन गेम्स केवल रविवार तक चलेंगे, लेकिन क्रिकेट विश्व कप गुरुवार से ही शुरू हो गया है। यह पहली बार है कि पुरुष क्रिकेट विश्व कप की मेजबानी पूरी तरह से भारत के पास गई है। जाहिर है, अगले डेढ़ महीने में देश के 10 शहरों में दुनिया की 10 टीमों के बीच 48 मैच क्रिकेट प्रशंसकों के क्रेज को अगले स्तर पर ले जाने के लिए पर्याप्त होंगे।
लेकिन क्रिकेट पिच पर हो रही रोमांचक गतिविधियां, स्टेडियम में दर्शकों का शोर और घरों में टीवी सेट के सामने बैठे लोगों के दिल की धड़कनें भारत में क्रिकेट के महत्व का आकलन करने का एकमात्र साधन नहीं हैं। हम इसका महत्व इन सभी के व्यावसायिक मूल्य से भी समझ सकते हैं।
यह कोई संयोग नहीं है कि न केवल क्रिकेट प्रशंसक भारत में क्रिकेट से संबंधित किसी भी बड़े आयोजन की प्रतीक्षा करते हैं, बल्कि अर्थव्यवस्था की गति के साथ अपने दिल की धड़कन को जोड़े रखने वाला वर्ग भी उसी उत्सुकता के साथ इसकी प्रतीक्षा करता है।
क्रिकेट विश्व कप से अर्थव्यवस्था को कैसे मिलेगा बढ़ावा?
इस विश्व कप के बारे में बात करें तो यह ऐसे समय में हो रहा है जब सामान्य से कम मानसून ने कई विशेषज्ञों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। देश की अर्थव्यवस्था अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत बढ़ी। रिजर्व बैंक का अनुमान है कि यह वृद्धि दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 6.5 प्रतिशत और तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में 6 प्रतिशत रह सकती है।
क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक बड़ा व्यावसायिक अवसर भी
ऐसी स्थिति में क्रिकेट विश्व कप के आयोजन से इस तस्वीर में सुधार हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस दौरान क्रिकेट प्रेमियों का उत्साह कई क्षेत्रों में कारोबार बढ़ाएगा। इससे यात्रा, होटल, बड़े टीवी सेट जैसी वस्तुओं पर खर्च बढ़ेगा, मैच के दिन खाद्य पदार्थों के लिए ऑर्डर बढ़ेंगे। यह सब उपभोक्ताओं के बीच क्रय प्रवृत्ति को बढ़ाएगा।
GDP ग्रोथ में हो सकती है 0.10% की बढ़ोतरी
कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि विश्व कप के दौरान 18000 से 22000 करोड़ रुपये की खपत हो सकती है, जिसका GVA (ग्रॉस ऐडेड वैल्यू) में 7000-8000 करोड़ रुपये का योगदान होगा। आंकड़ों में बात करें तो तीसरी तिमाही की GDP ग्रोथ 10 बेसिस प्वाइंट यानी 0.10% तक बढ़ सकती है। Samsung Galaxy SmartTag 2 लॉन्च, जाने कीमत और फीचर्स
जाहिर है क्रिकेट सिर्फ मैदानों तक सीमित नहीं है, कम से कम हमारे देश में तो नहीं। हालांकि, इसकी जान निश्चित रूप से गेंदबाजों की गेंदों पर घूमते हुए बल्ले और उस पर नाचते हुए प्रशंसकों के दिल हैं। अब देश अगले डेढ़ महीने तक इसी रोमांच को जीएगा।
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