बीकॉम (ऑनर्स) की एक किताब में छात्रों को सलाह दी गई है कि वह ईमेल को रुचिकर बनाने के लिए उसे इतना छोटा लिखें जितना कि स्कर्ट। इसके बाद सोशल मीडिया पर इसे लेकर विवाद पैदा हो गया है। ‘बेसिक बिजनेस कम्यूनिकेशन’ नाम की किताब यह दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध एक कॉलेज में वाणिज्य विभाग के पूर्व प्रमुख सीबी गुप्ता ने लिखी है।
डीयू से संबद्ध अधिकांश कॉलेजों में बड़े पैमाने पर प्रोफेसरों द्वारा बीकॉम (ऑनर्स) के छात्रों को यह पाठ्य पुस्तक पढ़ने की सलाह दी जाती है।
किताब के प्रकाशन को एक दशक से ज्यादा हो चुका है। इसमें कहा गया है, ईमेल संदेश स्कर्ट की तरह होने चाहिए- इतना छोटा कि उसमें रुचि बनी रहे और लंबा इतना हो कि सभी महत्वपूर्ण बिंदु इसमें शामिल हो जाएं।
विदेशी लेखक के लेख से लिया था आइडिया!
नाम न बताते हुए एक छात्रा ने कहा, सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर कुछ छात्रों में यह आदत होती है कि पाठ्य पुस्तक में लिखी हर चीज याद कर लेते हैं, बिना यह सोचे कि ऐसी तुलना हमारे समाज में लिंगवाद को बढ़ावा देती है। गनीमत यह है कि हम यह समझ सके और हमारे पाठ्यक्रम में इस तरह की किताबों की विश्वसनीयता पर सवाल उठा पाए। किसी ने किताब के इस कथन पर सवाल क्यों नहीं उठाया जबकि यह सालों से बार-बार छप रही है?
विवाद छिड़ने के बाद प्रोफेसर सीबी गुप्ता ने लोगों की भावनाएं आहत होने पर खेद जताया है। गुप्ता ने बताया, मैंने अपनी किताब से यह बयान हटा लिया है। मैं प्रकाशक को भी सलाह दूंगा कि वह नए संस्करण की छपाई से पहले यह सामग्री हटा लें।
यह उपमा क्यों दी गयी इस सवाल पर उन्होंने कहा कि यह उनकी तरफ से हुई एक गलती है और उन्होंने यह उपमा एक विदेशी लेखक के लेख से ली थी। गुप्ता ने कहा, यह किसी को आहत करने के लिए नहीं था। मैंने एक विदेशी लेखक के लेख से यह उपमा ली थी।
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