पीएम मोदी ने दी योग को विश्व स्तर पर नई पहचान



कल अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस है और पूरी दुनिया इस अवसर पर योगाभ्यास कर योगा पद्धति को मजबूती प्रदान करेंगी। हमारे देश में इस अवसर विशेष योग शिविर आयोजित हो रहे हैं और इसे सरकारी व गैर सरकारी तौर पर धूमधाम से मनाया जायेगा।
हमारे प्रधानमंत्री मंत्री मोदी यूपी के मुख्यमंत्री योगी के साथ कल लखनऊ में हजारों लाखों लोगों के साथ सामूहिक योगाभ्यास करेंगे। सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को उपजिलाधिकारियों के माध्यम से तहसील और ब्लाक स्तर पर इस अवसर पर योगाभ्यास शिविर आयोजित करने के निर्देश दिये गये हैं। व्यायाम का परिष्कृत स्वरूप योगा है। योगा के प्रणेता पताजंलि श्रृषि हैं और योगा की परम्परा कोई नई नहीं है बल्कि यह परम्परा आदिकाल से चली आ रही है।
जिस तरह स्वस्थ शरीर के लिये भोजन की आवश्यकता है उसी तरह स्वस्थ शरीर के लिये की व्यायाम या योगा की आवश्यकता होती है।योगा से शरीर को स्वस्थ बीमारी विहीन बनाया जा सकता है। जिस तरह से आजकल हमारा रहन सहन खान पान बदल गया है ऐसे में एक योगा ही है जो हमारे शरीर को स्वस्थ रोग रहित बनाये रख  सकता है। योगा से छोटी मोटी बीमारियों से ही नहीं बल्कि योगा से कैंसर जैसी सभी असाध्य व जानलेवा बीमारियों से भी बचाव किया जा सकता है। आज के दौर में जबकि आधुनिक चिकित्सा इतनी महंगी हो गयी और आम आदमी के बलबूते के बाहर हो गयी है ऐसे में सिर्फ योगा ही ऐसा है जो बिना पैसे के संभव हो सकता है।
योगा मानव जगत के लिये वरदान है इसीलिए इसे अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में हर साल इक्कीस जून को मनाया जाता है। पुराने समय में योगा और जड़ी बूटियों के सहारे मानव जीवन संरक्षित होता था। पहले घर में बच्चे योगा के रूप उठक बैठक कबड्डी लच्क्षी चूम ऊँची कूद जैसै खेल खेलते थे। स्कूल में व्याम शिक्षक होते थे जो अब योगा शिक्षक बन गये हैं।योगा की परम्परा इधर कमजोर पड़ गयी थी किन्तु कहना गलत न होगा कि पंताजंलि से जुड़े योग गुरु बाबा रामदेव ने हमारी इस अमूल्य चिकित्सा पद्धति को पुनः गति प्रदान करके उसे पुनर्जीवित कर दिया है।
आजकल लोग तरह तरह की बीमारियों और उसके इलाज से परेशान होकर पुनः अपनी पुरानी योगा पद्धति को अंगीकृत करने लगे हैं। योगा मनुष्य शरीर से जुड़ी सभी बीमारियों का एक समुचित सस्ता इलाज है जिससे बीमारियाँ को समूल नष्ट किया जा सकता है। योगा को विश्व स्तर पर सक्रिय करने में प्रधानमंत्री मोदी के सहयोग व प्रयास को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। किसी भी देश की प्रगति के लिये उस देश के नागरिकों का स्वस्थ निरोग होना जरूरी होता है।योगा एकमात्र ऐसा रास्ता है जिसके सहारे जीवन को निरोग स्फूर्तिवान बनाया जा सकता है।
जिस तरह से दुनिया ने योगा को अंगीकृत करना शुरू किया है उससे लगता है कि योगा को फिर से एक बार अपना पुराना खोया गौरव वापस मिल जायेगा।योग दिवस पर हम अपने सभी पाठकों शुभचिंतको के साथ विश्व वासियों के निरोग व स्वस्थ रहने की कामना करते हैं। साथ ही लोगों से रोजाना योगाभ्यास करने की अपील करते हैं और अन्तराष्ट्रीय योग दिवस पर सभी लोगों को शुभकामनाएँ देते हैं।
               भोलानाथ मिश्र
     वरिष्ठ पत्रकार/समाजसेवी

रामसनेहीघाट,बाराबंकी यूपी।
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