अमर जीत यादव
बस्ती:विकासखंड कुदरहा क्षेत्र के चकिया टिकुईया में कोटेदार द्वारा अपने कर्तव्य निष्ठा का निर्वहन न करते हुए अपने मनमानी ढंग से कोटा का खाद्यान्न सही ढंग से नहीं वितरित कर रहे है।और टिकुईया के समस्त जनता को राशन नहीं दे रहे हैं जिससे इस गांव में भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जिसको लेकर ग्रामीणों ने ब्लॉक मुख्यालय पर धरना दिया। जहाँ एक तरफ प्रदेश सरकार गरीबो को लेकर अच्छे कदम उठा रही है वही दूसरी तरफ कोटेदार द्वारा गरीबो का ही राशन हड़प कर कालाबाजारी की जा रही है। शासन की मंशा एवं स्पष्ट निर्देश है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली का सही तरीके से प्रयोग हो और गरीब जनता तक इसका लाभ पहुंचे लेकिन कुदरहा ब्लॉक क्षेत्र के चकिया टिकुईया में स्थिति सार्वजिनक वितरण प्रणाली की दुकान में ठीक उलटा हो रहा है।
यहां पर कोटेदार की अपनी मनमानी चलती है और अपने नियम से कार्य कर रहे है। ग्रामीणों द्वारा विरोध करने पर ग्रामीणों को धमकियां भी दी जाती है। और यह भी कहते हैं कि अगर ज्यादा बोलोगे तो राशन कार्ड काट देंगे।कोटेदार का लड़का खुद को कोटे का अधिकारी समझते हुए खुद निर्णय लेता है किसको राशन देना है किसको नही |यही नही अगर कोई भी ग्रामीण राशन बांटने के दूसरे दिन राशन लेने जाता है तो कोटेदार खुद बेअंदाज होकर भगा देते है और कहते है लगभग 25-30साल से कोटा चला रहा हूँ कोई कुछ नही कर सकता है । ग्रामीणों ने बताया कि कोटेदार द्वारा राशन की काला बाजारी की जाती है
ग्रामीणों का कहना है कि कोटेदार जो खास होता है उसे राशन देता है बाकी लोगों को मनमाने तरीके से खाद्यान्न का वितरण किया जाता है ऐसे में सवाल उठता है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली सही से संचालित हो भी तो कैसे ? जब जिम्मेदार ही व्यवस्था को बिगाड़ने में लगे हैं।
ग्रामीण यह भी बताते हैं कि इसके पहले भी कई बार शिकायते गई थी।और इसके खिलाफ एप्लीकेशन भी दिया गया और जाँच हुई जिसमें कोटा निलंबित किया गया लेकिन विभाग में पकड़ के चलते फिर से बहाल कर दिया गया।